राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग अधिनियम 2019

दिसंबर 2019 में राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग अधिनियम 2019 को स्वीकृति प्रदान की गई।

  • राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के गठन का सुझाव प्रो. रंजीत रॉय चौधरी समिति (2015) द्वारा दी गई थी, जिसने भारतीय चिकित्सा परिषद (MCI) के कार्यों में संरचनात्मक सुधार करने की अनुशंसा की थी।
  • चौधरी समिति से पूर्व अन्य समितियों जैसे लोढ़ा पैनल (2016) और अरविंद पनगढ़िया ने भी भारतीय चिकित्सा परिषद को समाप्त करने का सुझाव दिया था।

अधिनियम की विशेषताएँ: इस अधिनियम के माध्यम से भारतीय चिकित्सा परिषद को एक राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के द्वारा प्रतिस्थापित के साथ-साथ चिकित्सा शिक्षा प्रणाली में सुधार किया जाएगा।

  • यह ऐसी चिकित्सा शिक्षा प्रणाली का प्रावधान करता है, जिसमें भारतीय चिकित्सा प्रणाली के उच्च स्तरीय चिकित्सा पेशेवरों की पर्याप्त संख्या उपलब्ध करना; चिकित्सा पेशेवरों द्वारा नवीनतम चिकित्सा अनुसंधानों को अपनाना; चिकित्सा संस्थानों का आवधिक मूल्यांकन करना तथा एक प्रभावी शिकायत निवारण प्रणाली की स्थापित करना सम्मिलित है।

लोक स्वास्थ्य (महामारी, जैव-आतंकवाद और आपदाओं की रोकथाम, नियंत्रण एवं प्रबंधन) विधेयक का मसौदा

इस मसौदे को केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा वर्ष 2017 में प्रस्तावित किया गया था। इसे राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र और स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय द्वारा संयुक्त रूप से तैयार किया गया था।

  • इस विधेयक में प्रत्येक आपातकालीन स्थिति की विशिष्टताओं को देखते हुए स्थानीय सरकारी निकायों को सशक्त बनाने की आवश्यकता पर ध्यान केन्द्रित करने का प्रयास किया गया था।
  • इस विधेयक से यह अपेक्षा की गई थी कि इस कानून को लागू होने के साथ ही, महामारी अधिनियम 1897 को निरस्त कर दिया जाएगा। हालांकि यह विधेयक संसद में पारित नहीं सका।