यह स्वास्थ्य को लोगों के मूल अधिकार के रूप में मान्यता प्रदान कर आवश्यक सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं के प्रावधान के लिए एक व्यापक कानूनी ढ़ांच प्रदान करने पर लक्षित था।
इसके तहत सहयोगी संघीय ढांचे की रूपरेखा तैयार कर लोक स्वास्थ्य आपात स्थितियों से निपटने के लिए एक प्रतिक्रिया तंत्र स्थापित करने का प्रावधान भी शामिल किया गया था। परन्तु राज्यों द्वारा इसे अपने अधिकार-क्षेत्र के अतिक्रमण के रूप में माना गया था।