मेक इन इंडिया’ पहल की शुरुआत 25 सितंबर, 2014 को देशव्यापी स्तर पर विनिर्माण क्षेत्र के विकास के उद्देश्य से की गई थी। यह मुख्यतः निर्माण क्षेत्र पर केंद्रित है।
इसके तहत वर्ष 2022 तक 100 मिलियन रोजगारों को सृजित करने और सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में विनिर्माण क्षेत्र की 25 प्रतिशत हिस्सेदारी सुनिश्चित करने का लक्ष्य रखा है। इसके अलावा, सरकार ने विनिर्माण क्षेत्र से जुड़े मूल्य को वर्ष 2025 तक बढ़ाकर 1-2 ट्रिलियन डॉलर करने की योजना बनाई है।
वर्ष 2022 तक अर्थव्यवस्था में विनिर्माण क्षेत्र से संबंधित 100 मिलियन रोजगारों का सृजन करेगा।
2022 तक देश के सकल घरेलू उत्पाद में विनिर्माण की हिस्सेदारी में 16% से 25% की वृद्धि करना।
इस योजना का उदेश्य यह सुनिश्चित करना कि सकल घरेलू उत्पाद (ळक्च्) में विनिर्माण क्षेत्र का योगदान वर्ष 2025 (जो कि संशोधन से पूर्व वर्ष 2022 था) तक बढ़कर 25 प्रतिशत हो जाए।
‘मेक इन इंडिया’ पहल में अर्थव्यवस्था के 25 प्रमुख क्षेत्रों जैसे- ऑटोमोबाइल, खनन, इलेक्ट्रॉनिक्स आदि पर ध्यान केंद्रित किया गया है।