इस एकीकृत स्टील हब में ओडिशा, झारखंड, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और उत्तरी आंध्र प्रदेश शामिल होंगे तथा इसके निर्माण का मुख्य उदेश्य पूर्वी भारत के सामाजिक-आर्थिक विकास को गति प्रदान करना है। एकीकृत स्टील हब 3 प्रमुख तत्वों पर केंद्रित होगाः
ग्रीनफील्ड स्टील प्लांटों की स्थापना को सुगम बनाने के माध्यम से क्षमता में वृद्धि
एकीकृत इस्पात संयंत्रों एवं मांग केंद्रों के पास इस्पात समूहों का विकास।
संभार तंत्र एवं उपयोगिता बुनियादी ढांचे में रूपान्तरण करना।
ओडिशा को उसके रणनीतिक स्थान, कच्चे माल की उपलब्धता और मजबूत कनेक्टिविटी के कारण स्टील हब की स्थापना के लिए चुना गया है। कलिंग शहर को मिशन पूर्वोदय के उपकेंद्र के रूप में विकसित किया जाना है। इस हब का उद्देश्य त्वरित क्षमता संवर्धन में सक्षम बनाना और लागत तथा गुणवत्ता दोनों मामले में स्टील उत्पादकों की समग्र प्रतिस्पर्धा में सुधार लाना है।