भारत और मध्य एशिया

प्राकृतिक संसाधनों प्रचुर उपलब्धता के कारण एशिया और यूरोप के बीच मध्य एशिया के पांच स्वतंत्र राष्ट्रों ने विदेशी निवेशकों को आकर्षित किया है यह क्षेत्र सिल्क रोड के माध्यम से भारत चीन यूरोप और मध्य पूर्व के सीधे संपर्क में था तथा सदियों से यह ज्ञान सभ्यता के केंद्र के रूप में जाना जाता है।

तीसरा भारत-मध्य एशिया संवाद

तीसरा भारत-मध्य एशिया संवाद (The third India-Central Asia Dialogue) दिसंबर, 2021 को नई दिल्ली में आयोजित किया गया यह भारत और मध्य एशियाई देशों जैसे- कजाखस्तान, किर्गिजस्तान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान के बीच एक मंत्री स्तरीय संवाद है।

  • संवाद के अनुसार अफगान निवासियों के लिए ‘तत्काल’ मानवीय सहायता प्रदान, भारत से भूमि व्यापार (land trade) पर पाकिस्तान के अवरोध को देखते हुए, देशों ने चाबहार के माध्यम से समुद्री मार्ग का अधिक उपयोग करने का दृढ़ संकल्प लिया गया जो ईरान के माध्यम से सड़क और रेल द्वारा मध्य एशियाई देशों से जुड़ा हुआ है। भारत ने मध्य एशियाई देशों के भारत और उसके बाहर अपने व्यापार को सुविधाजनक बनाने के लिए चाबहार बंदरगाह पर शहीद बेहेश्ती टर्मिनल की सेवाओं का उपयोग करने का स्वागत किया है।
  • भारत और मध्य एशियाई देशों के बीच वस्तुओं और सेवाओं की मुक्त आवाजाही के मुद्दों के समाधान के लिए संयुक्त कार्य समूहों की स्थापना की संभावनाओं का भी संवाद में फैसला लिया गया।