राष्ट्रीय चिकित्सा उपकरण संवर्द्धन परिषद का गठन

चिकित्सा उपकरण क्षेत्र एक उभरता हुआ क्षेत्र है। इस क्षेत्र को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार ने वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के औद्योगिक नीति और संवर्द्धन विभाग (DIPP) के तहत एक राष्ट्रीय चिकित्सा उपकरण संवर्द्धन परिषद की स्थापना की घोषणा की है।

पृष्ठभूमि

चिकित्सा उपकरण उद्योग (Medical Devices Industry - MDI) स्वास्थ्य सेवा पारिस्थितिकी तंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह क्षेत्र देश के सभी नागरिकों के लिए स्वास्थ्य के लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु अपरिहार्य है। एमडीआई में विनिर्माण और व्यापार लगातार बढ़ रहा है, जिसमें उत्पादों की एक विस्तृतशृंखला शामिल है। हालांकि, यह उद्योग दोहरे अंकों से बढ़ रहा है, लेकिन 65% से अधिक आयात के साथ घरेलू बाजार मुख्य रूप से आयात-संचालित है। परिषद की स्थापना इस क्षेत्र में विनिर्माण कंपनियों, स्टार्टअप, नवाचार के साथ घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देगी।

महत्व और गतिविधियां

राष्ट्रीय चिकित्सा उपकरण संवर्द्धन परिषद के उद्देश्य और गतिविधियां निम्नलिखित हैं:

  • भारतीय एमडीआई के लिए सुविधा, संवर्द्धन और विकासात्मक निकाय के रूप में कार्य करना।
  • समय-समय पर सेमिनारों, कार्यशालाओं और संबंधित नेटवर्किंग गतिविधियों के आयोजन के माध्यम से उद्योग के विचारों को प्राप्त करना। इस क्षेत्र की औद्योगिक और व्यापार नीतियों में शामिल करने के लिए सर्वश्रेष्ठ वैश्विक प्रथाओं को समझना और विभिन्न मापदंडों पर विचार-विमर्श करना।
  • चिकित्सा उपकरण उद्योग को बढ़ावा देने हेतु अनुमोदन प्रक्रियाओं को आसान बनाना, निरर्थक प्रक्रियाओं की पहचान करना और विकास हेतु संबंधित एजेंसियों और विभागों को तकनीकी सहायता प्रदान करना।
  • निर्माताओं को वैश्विक व्यापार मानदंडों के स्तरों तक पहुंचने में सहायता करना और भारत को इस क्षेत्र में निर्यात संचालित बाजार बनने में सक्षम बनाना।
  • घरेलू निर्माताओं को विनियामक और गैर-नियामक आवश्यकताओं की समझ बढ़ाने के लिए अंतरराष्ट्रीय आदर्शों और चिकित्सा उपकरणों के मानकों का प्रसार करना।
  • चिकित्सा प्रौद्योगिकी क्षेत्र को मजबूत करने के लिए उद्योग प्रतिपुष्टि (feedback) और सर्व-श्रेष्ठ वैश्विक नीति एवं प्रक्रियागत व्यापार हस्तक्षेप प्रथाओं के आधार पर सरकार को सिफारिशें करना।

प्रभाव

चिकित्सा क्षेत्र के वैश्विक बेंचमार्किंग से घरेलू विनिर्माण प्रक्रियाओं का बेहतर वैज्ञानिक प्रबंधन होगा।

  • यह उपकरणों में गुणवत्ता और उत्पादन प्रक्रियाओं में दक्षता उत्पन्न करेगा।
  • स्वदेशी उपकरण सस्ता होगा और उपचार की लागत को नीचे लाएगा।
  • यह चिकित्सा उपकरण उद्योग हेतु अनुकूल माहौल बनाएगा और रोजगार पैदा करेगा।
  • सस्ते चिकित्सा उपकरण और डिजिटल क्रांति पहले से अलग-थलग पड़े क्षेत्रों में चिकित्सा उपचार की पहुंच को बढ़ाएगी और समाज कल्याण में मदद करेगी।