स्वतंत्रता संघर्ष का उदारवादी चरण

  • 1885 से 1905 के बीच की अवधि को आमतौर पर उदारवादी चरण के रूप में जाना जाता है, जिसका नेतृत्व उदारवादी नेताओं ने किया। उदारवादी नेता पश्चिमी शिक्षा के प्रसार, सामाजिक-धार्मिक सुधारों, ब्रिटिश नीतियों जैसे विभिन्न कारकों से प्रभावित था। इनके द्वारा संगठित राष्ट्रीय आंदोलन की शुरुआत की गई।
  • स्वतंत्रता के उदारवादी चरण मे शिक्षित मध्यम वर्ग का बोलबाला था जिनमें से कई ने इंग्लैंड में अपनी शिक्षा प्राप्त की थी। उदारवादियों का उद्देश्य एक ऐसा आंदोलन बनाना था जो लोकतांत्रिक ढांचे के भीतर भारतीय लोगों के अधिकारों और आकांक्षाओं की वकालत करे।
  • उदारवादियों ने भारतीय आबादी के बीच राजनीतिक जागरूकता ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |

पूर्व सदस्य? लॉग इन करें


वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
प्रारंभिक विशेष