धार्मिक सुधार आंदोलन

19वीं और 20वीं शताब्दी में भारत मे कई महत्वपूर्ण धार्मिक सुधार आंदोलन हुए। धार्मिक सुधार आंदोलनों का उद्देश्य धर्म के नाम पर होने वाले सामाजिक अत्याचारों, अंधविश्वासों और कुरीतियों को दूर करना था। इन आंदोलनों ने भारतीय समाज में व्यापक परिवर्तन लाए और राष्ट्रीय चेतना को जगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

ब्रह्म समाज:

  • राजा राम मोहन राय ने वर्ष 1828 में ब्रह्म सभा की स्थापना की, जिसे बाद में ब्रह्म समाज का नाम दिया गया। इसका मुख्य उद्देश्य शाश्वत ईश्वर की पूजा करना था। यह पुरोहिती, कर्मकांडों और बलिदानों ....
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