ब्रिटिश काल में श्रम कानून

ब्रिटिश काल में श्रम कानूनों का विकास भारतीय श्रमिकों की कठिन परिस्थितियों और औद्योगिक विकास के साथ-साथ हुआ। ब्रिटिश शासन के दौरान औद्योगिकीकरण के विस्तार ने श्रमिकों को फैक्ट्रियों, खदानों, और अन्य औद्योगिक प्रतिष्ठानों में काम करने के लिए प्रेरित किया। हालांकि, ब्रिटिश शासन के आरंभिक वर्षों में श्रमिकों के अधिकारों के लिए कोई विशिष्ट कानून नहीं था। इसके कारण श्रमिक वर्ग में असंतोष बढ़ता गया, और इसके परिणामस्वरूप ब्रिटिश सरकार ने श्रम कानूनों का निर्माण करना शुरू किया।

  • फैक्ट्री अधिनियम, 1881: भारत में ब्रिटिश शासन के दौरान पारित होने ....
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