ब्रिटिश कालीन न्यायिक व्यवस्था एवं सुधार

ब्रिटिश कालीन न्यायिक व्यवस्था भारत के न्यायिक इतिहास का एक महत्वपूर्ण अध्याय है। ब्रिटिश शासन के दौरान भारतीय न्यायिक प्रणाली में व्यापक सुधार और परिवर्तन किए गए, जिन्होंने आधुनिक भारतीय न्यायिक व्यवस्था की नींव रखी। इन सुधारों का उद्देश्य ब्रिटिश शासन के अधीन न्याय को व्यवस्थित करना और इसे ब्रिटिश कानून के अनुरूप बनाना था।

प्रारंभिक ब्रिटिश न्यायिक व्यवस्था

  • सूरत में प्रथम अदालत (1615): भारत में ब्रिटिश न्यायिक व्यवस्था का आरंभ 1615 में सूरत में हुआ, जब ईस्ट इंडिया कंपनी ने अपने व्यापारिक केंद्र में एक न्यायिक प्रणाली स्थापित की। यह अदालत मुख्य रूप से कंपनी के कर्मचारियों और ब्रिटिश ....
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