1857 के विद्रोह में कुंवर सिंह के बिहार तथा अन्य क्षेत्रें में सक्रिय भूमिका का मूल्यांकन करें।

1857 की क्रांति का भारतीय इतिहास में अत्यन्त महत्वपूर्ण स्थान है। अंग्रेजों के साम्राज्यवादी विस्तार की महत्वाकांक्षा के कारण जनता में असंतोष का भाव विद्यमान था, जिसकी परिणति हमें एक सशस्त्र जनविद्रोह के रूप में देखने को मिलता है; जो भारत के अन्य भागों सहित बिहार में देखने को मिलता है। इस क्रांति में वीर कुंवर सिंह की भूमिका अविस्मरणीय है।

  • बिहार के तत्कालीन भाग झारखण्ड के देवघर के रोहिणी गांव में 12 जून, 1857 से विद्रोह प्रारंभ हुई। जहां सेना की 30वीं रेजीमेंट के तीन सैनिकों द्वारा दो अंग्रेज अधिकारियों की हत्या कर दी गई। इस विद्रोह को दबा दिया ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें

वार्षिक सदस्यता लें मात्र 600 में और पाएं...
पत्रिका की मासिक सामग्री, साथ ही पत्रिका में 2018 से अब तक प्रकाशित सामग्री।
प्रारंभिक व मुख्य परीक्षा पर अध्ययन सामग्री, मॉक टेस्ट पेपर, हल प्रश्न-पत्र आदि।
क्रॉनिकल द्वारा प्रकाशित चुनिंदा पुस्तकों का ई-संस्करण।
पप्रारंभिक व मुख्य परीक्षा के चुनिंदा विषयों पर वीडियो क्लासेज़।
क्रॉनिकल द्वारा प्रकाशित पुस्तकों पर अतिरिक्त छूट।

मुख्य विशेष