रेलवे की ऊर्जा दक्षता योजना
भारतीय रेल मंत्रलय ने जलवायु परिवर्तन पर संयुत्तफ़ राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (UNFCC) के लिए देश की प्रतिबद्धता के हिस्से के रूप में 2030 तक कार्बन-तटस्थ बनने के लिए पांच-आयामी योजना की रूपरेखा तैयार की है।
उद्देश्यः कुशल संचालन के माध्यम से ऊर्जा की खपत को कम करना और नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग को बढ़ाना।
महत्वपूर्ण तथ्यः इस योजना का एक प्रमुख घटक सभी रेलवे प्रतिष्ठानों पर रूफटॉप सौर पैनलों की स्थापना है।
- प्रशासनिक और रख-रखाव गतिविधियों जैसे गैर-कर्षण संचालन में नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग में काफी वृद्धि होने की उम्मीद है।
- गैर-कर्षण संचालन (non-traction operations) वर्तमान में प्रतिवर्ष 2,100 GWh बिजली के उपयोग के लिए जिम्मेदार है और यह 2030 तक 30% तक बढ़ने का अनुमान है, क्योंकि भारतीय रेलवे नेटवर्क का विस्तार हो रहा है।
- भारतीय रेल मंत्रलय की ऊर्जा दक्षता योजना 2070 तक देश के शुद्ध-शून्य उत्सर्जन के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम का प्रतिनिधित्व करती है।
- टिकाऊ इमारतें, ऊर्जा-कुशल उपकरणों को अपनाकर और नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग को बढ़ाकर, उनके कार्बन उत्पादन को महत्वपूर्ण रूप से कम करना लक्ष्य है।
कल्याणकारी योजनाएं
- 1 वनलाइनर समसामयिकी
- 2 तलचर उर्वरक परियोजना
- 3 बीकानेर सौर ऊर्जा परियोजना
- 4 सुन्नी बांध जल विद्युत परियोजना को स्वीकृति
- 5 अरुणाचल प्रदेश में सियोम पुल का उद्घाटन
- 6 पहली हरित हाइड्रोजन मिश्रण परियोजना
- 7 आयुर्वेद में अनुसंधान हेतु ‘स्मार्ट’ कार्यक्रम
- 8 भद्राचलम और रामप्पा मंदिरों में तीर्थयात्र परियोजनाओं
- 9 रयथू बंधु योजना का दसवां चरण
- 10 प्रसार भारतीः नेटवर्क को बेहतर बनाने के लिए ‘BIND’ योजना
- 11 आकांक्षी ब्लॉक कार्यक्रम (ABP)
- 12 अमृत भारत स्टेशन योजना
- 13 बीस सूत्रीय कार्यक्रम (TPP) प्रगति रिपोर्ट