थिएटर कमान

हाल ही में, रक्षा मंत्री ने तीनों सेनाओं की ‘संयुक्त थिएटर कमान’ (JTC) 50 की स्थापना की घोषणा की है। थिएटराइजेशन या थिएटर कमान का अर्थ है एक निर्दिष्ट भौगोलिक क्षेत्र में तीनों सेनाओं (थल सेना, नौसेना और वायु सेना) से एक निर्धारित संख्या में सैनिकों को एक सामान्य कमांडर के अधीन रखना।

  • वर्तमान में भारतीय थल सेना, नौसेना और वायु सेना में से प्रत्येक के पास अनेक कमान हैं, जो अपनी कमान संरचना के संदर्भ में लंबवत रूप से (vertically) विभाजित हैं।

थियेटर कमान के लाभ

संबद्धता की प्राप्ति

इससे समग्र युद्धक क्षमताओं में वृद्धि होगी और भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए बाधारहित सेंटर्स के साथ क्षमता भी निर्मित होगी।

बेहतर समन्वय

सैन्य परिसंपत्तियों को एक ऑपरेशनल हेड के तहत एक एकल कमान में जोड़ा जाएगा, जो उनकी गतिविधियों को निर्देशित और नियंत्रित करने के लिए जिम्मेदार होंगे।

हाइब्रिड युद्धक सामग्री की मांग की पूर्ति

चीन जैसी प्रमुख सैन्य शक्ति के साथ संभावित संघर्ष, मौजूदा विशिष्ट थियटर्स से भी परे (अर्थात् साइबर, अंतरिक्ष, परमाणु आदि क्षेत्र में) होगा।

बेहतर दक्षता

अमेरिका और चीन जैसी प्रमुख शिक्तयां थिएटर कमान के माध्यम से काम करती है। इसे संसाधनों को पूल करने समन्वित रसद योजना प्रदान करने और दक्षता में सुधार करने का एक बेहतर साधन माना जाता है।

चुनौतियां

कमान की संरचनाः इनकी संरचना को लेकर अभी यह संशय है कि त्रि-सेवाओं और संयुक्त थिएटर कमान विन्यास में कौन किसे रिपोर्ट करेगा। साथ ही, सैन्य कर्मियों एवं मशीनरी, सेवा प्रमुखों या थिएटर कमांडरों की परिचालन कमान किसके पास होगी।

अंतर-सेवा प्रतियोगिताः जहां एक ओर प्रत्येक सेना उत्साहपूर्वक अपनी संपत्ति की देखरेख करती है और रक्षा बजट का अधिकाधिक भाग प्राप्त करने का प्रयास करती है, वहीं यह प्रभाव सेनाओं के बीच तालमेल बनाने में एक बाधा के रूप में साबित हो सकता है।

सशस्त्र बलों की संपत्ति के बीच मौजूदा असमानताः उदाहरण के लिए, वायु सेना के लिए ऑपरेशनल स्क्वाइन की स्वीकृत संख्या 42 हैं, जबकि इसके पास केवल 31 ऑपरेशनल स्क्वाइन ही मौजूद हैं। इसके कारण किसी विशेष कमान में परिसंपत्तियों को स्थायी रूप से तैनात करने से समस्या उत्पन्न होगी।