भीड़ प्रबंधान

हाल ही में, साउथ कोरिया के सियोल और गुजरात के मोरबी में हुई दुर्घटनाओं ने भीड़ और इसके प्रबंधन को चर्चा का मुद्दा बना दिया है।

  • भीड़ प्रबंधन का आशय सार्वजनिक सुरक्षा कार्यों से है। इसके अंतर्गत भगदड़, मारपीट, झगड़े, दंगों आदि के प्रकोप को रोकने के लिए भीड़ को प्रबंधित किया जाता है। इसके अलावा, किसी सभा, विरोध या प्रदर्शन के प्रबंधन को भी इसमें शामिल किया जाता है।
  • भीड़ में स्वैच्छिक और अनैच्छिक शक्तियां (Voluntary and Involuntary forces) शामिल होती हैं।
  • जब भीड़ का घनत्व एक क्रांतिक स्तर तक पहुंच जाता है, तो इसमें शामिल लोगों की गतिविधियां अनैच्छिक शक्तियों द्वारा नियंत्रित होने लगती हैं।

भीड़ प्रबंधन पर राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) के दिशा-निर्देश

प्लानिंगः नियोजन की प्रक्रिया में सर्वप्रथम घटना/ स्थल, आगंतुकों और हितधारकों के बारे में विस्तृत समझ होनी चाहिए।

जोखिम विश्लेषणः भगदड़ जैसे संभावित खतरों की पहचान उनसे जुड़े जोखिमों का मूल्यांकन और आगंतुकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक न्यूनीकरण रणनीति तैयार की जानी चाहिए।

बचाव और सुरक्षा के उपायः पैदल चलने वालों, शत्रुतापूर्ण समूहों और वाहनों के प्रवाह को नियंत्रित करने के लिए लक्षित क्षेत्रें में बैरिकेड्स, रोडब्लॉक्स और बाड़ लगाई जानी चाहिए।

  • स्वास्थ्य, स्वच्छता और चिकित्सा सेवाएं: सामूहिक सभा के आयोजकों को अपने संसाधनों के बारे में योजना बनाने के लिए संकट की स्थिति पर पहले से विचार करना चाहिए।

सूचना प्रबंधन और प्रसारः अलग-अलग हितधारकों जैसे- सरकारी प्रशासन, सुरक्षा एजेंसियों, गैर सरकारी संगठनों, मीडिया आदि के बीच समय पर सूचनाओं का आदान-प्रदान किया जाना चाहिए। यह बिना किसी घटना के भीड़ इकट्ठा करने के आयोजनों को सुचारु रूप से और सफलतापूर्वक संचालित करने में सहायता प्रदान करेगा।

भीड़ प्रबंधन में सुधार के लिए क्या किया जा सकता है?

प्रशिक्षणः भीड़ आपदाओं को रोकने के लिए भीड़ प्रबंधन कर्मियों को प्रशिक्षित करना, सामान्य और आपातकालीन भीड़ गतिविधियों पर निर्देश प्रदान करना और मॉक ड्रिल आयोजित करना आवश्यक है।

मीडिया की भूमिकाः मीडिया असामाजिक तत्वों पर नजर रख सकता है और भगदड़ जैसी आपदाओं से बचने तथा शांति एवं सद्भाव बहाल करने के लिए संदिग्ध असामाजिक गतिविधियों को उजागर कर सकता है।

अवसंरचनाः इस प्रकार के हादसों से बचने के लिए क्षमता से अधिक उपस्थिति और अवसंरचनात्मक अंतराल को दूर करने की योजना के साथ-साथ स्थल/अवसंरचना की बहन क्षमता का भी आंकलन किया जाना चाहिए।