ट्रिब्यूनल सुधार अध्यादेश, 2021

भारत के राष्ट्रपति ने अप्रैल, 2021 को ट्रिब्यूनल सुधार (सुव्यवस्थीकरण और सेवा की शर्तें) अध्यादेश, 2021 [Tribunals Reforms (Rationalisation And Conditions Of Service) Ordinance] 2021] प्रख्यापित किया।

  • यह अध्यादेश फिल्म प्रमाणन अपीलीय न्यायाधिकरण (FCAT) सहित कुछ मौजूदा अपीलीय निकायों (appellate bodies) को भंग करके उनके सभी कार्य अन्य न्यायिक निकायों को स्थानांतरित करने का प्रावधान करता है।
  • इसी तरह के प्रावधानों वाला एक विधेयक 13 फरवरी, 2021 को लोकसभा में पेश किया गया था, जो अभी लंबित है। चूंकि विधेयक को संसदीय मंजूरी नहीं मिल सकी, इसलिए यह अध्यादेश जारी किया गया।

कानूनों में संशोधन

यह अध्यादेश कुल मिलाकर 10 कानूनों में संशोधन करता है। अपीलीय निकायों को समाप्त कर उनके अधिकार अन्य न्यायिक निकायों को सौंपने के लिए 9 कानूनों में संशोधन किये गए हैं। जबकि वित्त अधिनियम, 2017 नामक एक अन्य कानून में भी संशोधन किया गया है; यद्यपि वित्त अधिनियम में संशोधन का उद्देश्य अपीलीय निकायो को समाप्त करना नहीं है।

  • अपीलीय निकायों के कार्य अन्य निकायों को सौंपने के लिए जिन अधिनियमों में संशोधन किया गया है, उनकी सूची निम्नलिखित हैः
    1. सिनेमैटोग्राफ अधिनियम, 1952 (Cinematograph Act, 1952);
    2. कॉपीराइट अधिनियम, 1957 (Copyright Act, 1957);
    3. सीमा शुल्क अधिनियम, 1962 (Customs Act, 1962);
    4. पेटेंट अधिनियम, 1970 (Patents Act, 1970);
    5. भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण अधिनियम, 1994 (Airport Authority of India Act, 1994);
    6. ट्रेड मार्क अधिनियम, 1999 (Trade Marks Act, 1999);
    7. भौगोलिक संकेतक (पंजीकरण एवं संरक्षण) अधिनियम, 1999 [Geographical Indications of Goods (Registration and Protection) Act] 1999];
    8. पौध किस्म एवं कृषक अधिकार संरक्षण अधिनियम, 2001 (Protection of Plant Varieties and Farmers* Rights Act, 2001); तथा
    9. राष्ट्रीय राजमार्ग नियंत्रण (भूमि एवं यातायात) अधिनियम, 2002 [Control of National Highways (Land and Traffic) Act] 2002]।