न्यायिक अवमानना हेतु दंड देने का अधिकार

संविधान का अनुच्छेद 129 उच्चतम न्यायालय को तथा संविधान का अनुच्छेद 215 राज्यों में स्थित उच्च न्यायालयों को अपने अवमान के लिए दंड देने की शक्ति प्रदान करता है।

  • वहीं संविधान का अनुच्छेद 142(2) भी उच्चतम न्यायालय को अपनी किसी अवमानना का अन्वेषण करने या दंड देने के प्रयोजन हेतु आदेश करने की समस्त शक्ति का उल्लेख करता है।
  • अवमानना अधिनियम, 1971 के तहत उच्च न्यायालय और सुप्रीम कोर्ट को अदालत की अवमानना के लिए दंडित करने की शक्ति प्रदान की गई है। इसके तहत अदालत की अवमानना के लिए 6 महीने तक के साधारण कारावास, या दो हजार रुपए तक के जुर्माने (या दोनों) का दंड दिया जा सकता है।
  • न्यायालय अवमानना (संशोधन) अधिनियम, 2006 के माध्यम से 1971 के इस कानून में धारा 13 के तहत सत्य की रक्षा (Defence of Truth) को शामिल किया गया है।