जमानत देने से संबंधित न्यायिक निर्णय

मंटू मजूमदार बनाम बिहार राज्य (Mantoo Mazumdar vs State of Bihar) मामले में सुप्रीम कोर्ट ने यह निर्णय दिया था कि उक्त अवधि की समाप्ति के बाद आरोपी को जमानत पर रिहा कर दिया जाना चाहिए।

  • उल्लेखनीय है कि जमानत देने में मजिस्ट्रेट के विवेक के संबंध में कोई विशेष प्रावधान या नियम नहीं हैं। हालांकि यह माना जाता है कि इस विवेक का उपयोग सावधानीपूर्वक और न्याय स्थापित करने के लिए किया जाना चाहिए तथा किसी व्यक्ति के मूल अधिकार का उल्लंघन नहीं करना चाहिए।
  • कश्मीरा सिंह बनाम पंजाब राज्य (1977) के मामले में अदालत ने कहा था कि किसी व्यक्ति को उस अपराध के लिए 5 या 6 साल की अवधि के लिए जेल में रखना अन्याय और अनुचित होगा, जिसे उसने किया ही न हो।