केरल में नोरोवायरस संक्रमण

जनवरी 2022 में केरल के वायनाड जिले में कम से कम 13 लोग ‘नोरोवायरस’ (Norovirus) से संक्रमित पाए गए हैं। राज्य सरकार द्वारा वायरस के प्रसार को रोकने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ और कोडागु जिलों में भी स्वास्थ्य अधिकारियों को हाई अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया गया है।

मुख्य बिंदुः नोरोवायरस, विषाणुओं का एक समूह है जो जठरांत्र संबंधी/गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल (gastrointestinal) बीमारी का कारण बनते है।

  • ‘नोरोवायरस’ (Norovirus), डायरिया फैलाने वाले ‘रोटावायरस’ (Rotavirus) के समान एक संक्रामक रोगाणु है।
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, यह गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल रोग (पेट और आंतों की सूजन) के प्रकोप से संबंधित सबसे आम रोगजनक (Pathogen) है।
  • नोरोवायरस के कारण, पेट और आंतों की परत में सूजन, उल्टी और दस्त का आना आदि जैसी गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल से संबंधित समस्याएं पैदा होती हैं।

लक्षण

विषाणु के संपर्क में आने के दो दिन बाद नोरोवायरस के संक्रमण के लक्षण दिखाई देते हैं। पीड़ित होने वाले व्यक्ति में उल्टी और दस्त जैसे समस्या दिखाने लगती है।

  • मरीजों को मिचली भी आती है और पेट दर्द, बुखार, सिरदर्द और शरीर में दर्द होता है।
  • गंभीर मामलों में, तरल पदार्थों के अधिक मात्र में निकल जाने से शरीर में पानी की कमी भी हो सकती है।