कोविड-19 के पूर्वानुमान मॉडल का विकास

अगस्त 2020 में, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT), खड़गपुर ने एक ऐसी प्रणाली विकसित की है जो कोविड-19 के प्रसार का पूर्वानुमान लगाने में मदद करती है। शोधकर्ताओं का कहना है कि यह पूर्वानुमान प्रणाली स्वास्थ्य-देखभाल, उद्योग, अर्थव्यवस्था और यहां तक कि शिक्षाविदों को भी निर्णय लेने में काफी मदद कर सकती है।

  • यह पूर्वानुमान प्रणाली केवल सार्वजनिक रूप से उपलब्ध दैनिक संक्रमण की गणना का उपयोग करती है तथा मेडिकल रिकॉर्ड या संपर्क-अनुरेखण डेटा (contact-tracing data) जैसे संवेदनशील जानकारी का उपयोग नहीं करती है।
  • यह प्रणाली एक लॉजिस्टिक मॉडल पर आधारित है, जिसका उपयोग संक्रमण के मामलों की उपलब्ध दैनिक गणना के लिए किया जा सकता है। पूर्वानुमानों के लिए इस्तेमाल किया गया डेटा पूरे देश से संबंधित है, और आठ सबसे अधिक प्रभावित राज्यों महाराष्ट्र, तमिलनाडु, दिल्ली, गुजरात, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश के लिए है। यह एक स्पष्ट सांख्यिकीय पर आधारित अध्ययन है। यह पूर्वानुमान मॉडल संक्रमण के प्रसार की समझ बढ़ाएगा और लोगों को योजना बनाने में सहायता करेगा।
  • बेंगलुरू स्थित इंडियन इंस्टीटड्ढूट ऑफ साइंस के शोधकर्ताओं ने कोविड-19 के खिलाफ कार्यस्थलों की तैयारी के आकलन के लिए ऑनलाइन उपकरण विकसित किया है।
  • कर्नाटक के आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के साथ मिलकर विकसित किए गए इस उपकरण को ‘कोविड-19 वर्कप्लेस रेडिनेस इंडिकेटर’ नाम दिया गया है।
  • कोविड-19 से लड़ने के लिए संगठन की तत्परता की गणना दस विशिष्ट सूचकांकों का उपयोग करके की जाती है, जिनमें से प्रत्येक सूचकांक के लिए अधिकतम 100 अंक निर्धारित होते हैं। इनमें आधारभूत संरचना, सावधानियां, आउटरीच, कर्मचारी संपर्क, परिवहन, भोजनालयों का विवरण और स्वच्छता शामिल हैं।