राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा अधिकार नीति’ (IPR) को 2016 में स्वीकृति प्रदान की गई थी यह नीति भारत में रचनात्मक एवं अभिनव ऊर्जा के भंडार को प्रोत्साहन प्रदान करता है।
इस नीति के तहत इस बात पर बल दिया गया है कि भारत बौद्धिक संपदा संबंधी कानूनों को मानता है एवं बौद्धिक संपदा की सुरक्षा हेतु यहां प्रशासनिक एवं न्यायिक ढांचा वि/मान है। इसके अंतर्गत, दोहा विकास एजेंडा एवं बौद्धिक संपदा संबंधी समझौते के प्रति भारत की प्रतिबद्धता प्रदर्शित होती है।
इस नीति के तहत निम्न प्रमुख लक्ष्य निर्धारित किये गए हैं-
समाज के सभी वर्गों में बौद्धिक संपदा अधिकारों के आर्थिक-सामाजिक और सांस्कृतिक लाभों के प्रति जागरूकता पैदा करना।
बौद्धिक संपदा अधिकारों के सृजन को बढ़ावा देना।
सेवा आधारित बौद्धिक संपदा अधिकार प्रशासन को आधुनिक और मजबूत बनाना है।
व्यवसायीकरण के जरिये बौद्धिक संपदा अधिकारों का मूल्य निर्धारण करना।
ज्ञात हो की राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा अधिकार नीति ‘रचनात्मक भारतः अभिनव भारत’ के लिए काम करती है तथा औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (DIPP) भारत में बौद्धिक संपदा अधिकारों के भावी विकास, कार्यान्वयन, दिशा-निर्देश और समन्वयन करने वाला नोडल विभाग होगा।