रक्षा मंत्रालय द्वारा नई रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया नीति को 1 अक्टूबर, 2020 से लागू किया गया है।
यह आत्मनिर्भर भारत के विजन के अनुरूप तथा मेक इन इंडिया पहल के माध्यम से भारतीय घरेलू उद्योग को विकसित करने के उद्देश्य से लागू किया गया है जिसका अंतिम लक्ष्य भारत को एक वैश्विक विनिर्माण केंद्र में परिवर्तित करना है।
प्रमुख विशेषताएं
इस लाइसेंस के तहत भारत में निर्मित उपकरणों सहित हथियारों और सैन्य खरीद के उपकरणों में अधिक से अधिक स्वदेशी सामग्री को बढ़ावा देगी।
डीएपी 2020, स्वदेशी फर्मों के लिए कई खरीद श्रेणियों को आरक्षित करती है।
यह नीति एक ‘भारतीय विक्रेता’ को एक ऐसी कंपनी के रूप में परिभाषित करती है, जिसका स्वामित्व और नियंत्रण निवासी भारतीय नागरिकों के पास हो तथा जिसमें प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (थ्क्प्) 49 प्रतिशत से अधिक न हो।