राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास और सुधार के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना एकचरणबद्ध रूप में शुरू की गई जो देश में अब तक शुरू की गई विशालतम राजमार्ग परियोजना है।
राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना के चरण-प् और प्प् स्वर्णिम चतुर्भुज, उत्तर-दक्षिण और पूर्व-पश्चिम महामार्ग, पत्तन सड़क संपर्क और अन्य परियोजनाएं शामिल हैं। स्वर्णिम चतुर्भुज में दिल्ली-मुंबई-चेन्नई-कोलकाता चार महानगरों को जोड़ने वाली 5846 कि-मी- लंबाई शामिल हैं।
उत्तर-दक्षिण और पूर्व पश्चिम महामार्गों में 7300 कि-मी- लंबाई शामिल है, जो क्रमशः उत्तर में श्रीनगर को दक्षिण में सलेम-कोचीन खंड सहित कन्याकुमारी से तथा पूर्व में सिल्चर को पश्चिम में पोरबंदर से जोड़ते हैं।
राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना में पत्तन सड़क संपर्क परियोजना भी शामिल है, जिसमें देश के 12 महापत्तनों को जोड़ने के लिए 380 कि-मी- सड़कों का सुधार और 945 कि-मी- लंबी अन्य परियोजनाएं शामिल हैं।
राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना चरण-ट के अंतर्गत 6500 कि-मी- राष्ट्रीय राजमार्गों को 6 लेन का बनाने के लिए 5 अक्टूबर, 2006 को अनुमोदन प्रदान कर दिया है, जिसमें स्वर्णिम चतुर्भुज के 5700 कि-मी- राष्ट्रीय राजमार्ग तथा शेष 800 कि-मी- अन्य राष्ट्रीय राजमार्गों के खंड शामिल हैं।