राष्ट्रीय वनीकरण एवं पारिस्थितिकी विकास बोर्ड

अगस्त 1992 में स्थापित, राष्ट्रीय वनीकरण एवं पारिस्थितिकी विकास बोर्ड (National Afforestation - Eco-development Board- NAEB) देश में वनीकरण, वृक्षारोपण, पारिस्थितिक पुनरोद्धार और पारिस्थितिक-विकास गतिविधियों के लिए उत्तरदायी है।

  • इसमें क्षरित वन क्षेत्रों (Degraded Forest Areas) राष्ट्रीय उद्यानों, अभयारण्यों और अन्य संरक्षित क्षेत्रों के साथ ही पारिस्थितिक रूप से कमजोर क्षेत्रों जैसे पश्चिमी हिमालय, अरावली, पश्चिमी घाट इत्यादि के आसपास की भूमि पर विशेष ध्यान दिया जाता है।

प्रमुख कार्यः लागत प्रभावी तरीके से, क्रमिक योजना एवं क्रियान्वयन के माध्यम से क्षरित वनों और आसपास की भूमि के पारिस्थितिक पुनरुद्धार के लिए तंत्र विकसित करना।