प्रधानमंत्री ने 12 मई 2020 को राष्ट्र को संबोधित करते हुए 20 लाख करोड़ रुपये (265 बिलियन) के प्रोत्साहन पैकेज के साथ ‘आत्मनिर्भर भारत’बनाने का आह्नान किया। यह राशी कोरोनावायरस से उत्पन्न आर्थिक चुनौतियों से निपटने में सहायक सिद्ध होगी। उन्होंने कहा कि भूमंडलीकृत दुनिया में आत्मनिर्भरता के मायने बदल गए हैं।
आत्मनिर्भर भारत मिशन
इस मिशन का उद्देश्य सुधार एवं सरकारी हस्तक्षेपों के माध्यम से प्रतिस्पर्धी बनाते हुए भारतीय उद्योगों को बढ़ावा देना है, जिससे आयात निर्भरता में कमी लाया जा सके। भारत की आत्मनिर्भरता स्वकेंद्रित व्यवस्था का समर्थन नहीं करती है। बल्कि यह वैश्विक संपन्नता, सहयोग और शांति में अंतर्निहित है।
आत्मनिर्भर भारत के पांच स्तंभ
अर्थव्यवस्था, जो इंक्रीमेंटल चेंज (वृद्धिशील परिवर्तन) नहीं बल्कि क्वांटम जम्प (बडे संरचनात्मक परिवर्तन) लाए।
कोविड-19 के दौरान विश्व अन्य देशों द्वारा राहत पैकेज की घोषणा अमेरिका ने राहत पैकेज के रूप में 2.7 ट्रिलियन अमरीकी डॉलर (जीडीपी का 13%) की घोषणा की, जो विश्व के अन्य देशों के तुलना सर्वाधिक है। परंतु जीडीपी के प्रतिशत के रूप में यह जापान से कम है।
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आत्मनिर्भर भारत के लिए विशेष आर्थिक पैकेज
कोविड-19 संकट के दौरान सरकार द्वारा इससे पहले की गई घोषणाओं और आरबीआई द्वारा लिए गए निर्णयों से जुड़ी राशि को मिला देने पर यह पैकेज 20 लाख करोड़ रुपये का है, जो भारत की जीडीपी के लगभग 10 प्रतिशत के बराबर है। यह पैकेज ‘आत्मनिर्भर भारत’बनाने के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में काफी सहायक साबित होगा।
मूख्य बिन्दु
यह भूमि, श्रम, लिक्वीडिटी (तरलता) और कानूनों पर फोकस करेगा। यह कुटीर उद्योग, एमएसएमई, मजदूरों, मध्यम वर्ग, उद्योगों सहित विभिन्न वर्गों की जरूरतों को पूरा करेगा।
देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई साहसिक सुधारों की आवश्यकता है, जिसमें -
आत्मनिर्भर भारत अभियान का प्रभाव
ये रिफॉर्म्स, बिजनेस को प्रोत्साहित करेगा, निवेश को आकर्षित करेगा और ‘मेक इन इंडिया’के हमारे संकल्प को सशक्त करेगा। आत्मनिर्भरता देश को वैश्विक आपूर्ति शृंखला में कड़ी प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करेगा, यह न केवल विभिन्न सेक्टरों में दक्षता बढ़ाएगा, बल्कि गुणवत्ता भी सुनिश्चित करेगा।
आलोचना
पैकेज के संबंध में एक महत्वपूर्ण आलोचना यह की जा रही है कि सरकार द्वारा अपने कुल व्यय में अधिक वृद्धि नहीं की गई है।
सुझाव
आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को साकार करने के लिए, उपर्युक्त में दिए गए उपायों के साथ-साथ कई व्यापक तथा दीर्घकालिक उपायों को भी अपनाना होगा, जैसे- निष्पादन के आधार पर आर्थिक सहायता प्रदान करना तथा सार्वजनिक विनियमन को सुदृढ़ करना होगा। पैकेज में घोषित संरचनात्मक सुधारों को स्थापित/लागू करने के लिए शिक्षा व कौशल में विकास किए जाने के लिए निवेश में वृद्धि करना आवश्यक है।