कोविड-19 महामारी के दौरान स्वास्थ्य कर्मियों पर हो रहे हमले को देखते हुए राष्ट्रपति द्वारा स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों और स्वास्थ्य अवसंरचना की सुरक्षा के उद्देश्य से महामारी अधिनियम 1897 में संशोधन के लिए महामारी रोग (संशोधन) अध्यादेश 2020 पारित किया गया।
अध्यादेश की विशेषताएं
इस अध्यादेश में स्वास्थ्य कर्मियों के रूप में पब्लिक एवं क्लिनिकल स्वास्थ्य देखभाल सेवा प्रदाता, कोई भी व्यक्ति, जो कोविड-19 बीमारी के प्रकोप की रोकथाम के लिए नियुक्त किया गया हो तथा अन्य कोई व्यक्ति जिसे राज्य सरकार ने इस बीमारी के देखभाल के लिए नामित किया हो, को परिभाषित किया गया है।
अध्यादेश की आवश्यकता
भीड़ नियंत्रण संबंधि उपायों का अभावः सरकारी अस्पतालों में पर्याप्त सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण संबंधी उपायों का अभाव है।
कठोर कानून का अभावः कोविड-19 महामारी के दौरान स्वास्थ्य सेवा में कार्यरत कर्मियों के साथ अभद्र व्यवहार ने इस प्रकार के कानून लाने के लिए प्रेरित किया। क्योंकि पूर्व में ऐसा कोई कानून न था, जिससे इस तरह की घटना पर पूर्ण अंकुश लगाया जा सके।
निष्कर्ष
यह कानून महामारी के दौरान कुछ सीमा तक ही निवारक रूप में कार्य करेगा। इसलिए स्वास्थ्य कर्मियों के प्रति होने वाली हिंसक घटनाओं को स्थायी रूप से रोकने के लिए व्यापक कानून बनाने की आवश्यकता के साथ-साथ डॉक्टरों, चिकित्सा पेशेवरों और चिकित्सा संस्थानों के विरुद्ध हिंसा की रोकथाम विधेयक 2018 पारित करने की आवश्यकता है।