इसे ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा 2014 में शुरू किया गया था, जिसके तहत प्रत्येक सांसद को अपनी संसदीय क्षेत्र के एक गांव को गोद लेकर 2016 तक विकास करना तथा 2019 तक दो और गांवों को गोद लेकर उनका विकास करना था।
सरकार का लक्ष्य है कि 2024 तक सांसद अपने संसदीय क्षेत्र के पांच गांव का विकास करें।
नवीनतम अनुमानों (2019) के अनुसार, लोकसभा के 500 सदस्यों और राज्यसभा के 203 सदस्यों ने 3 गांवों को ‘आदर्श गांवों’ में बदलने के लिए गोद लिया है।