यह विकास में क्षेत्रीय असंतुलन का निवारण करता है। इसके तहत पहचाने गए जिलों में मौजूदा विकासात्मक कार्यों के पूरक के रूप में धन प्रदान किया जाता है। केंद्रीय निधियों को विभिन्न केंद्रीय क्षेत्र/केंद्र प्रायोजित योजनाओं के तहत राज्यों को जारी किया जाता है।