यह संविधान के अनुच्छेद 41 के आदर्श को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से वर्ष 1995 में प्रारंभ किया गया था। राज्य अपनी क्षमता के अनुसार काम और सामाजिक सहायता सुनिश्चित करते हैं। एनएसएपी सामाजिक सहायता के लिए न्यूनतम राष्ट्रीय मानक सुनिश्चित करता है। सामाजिक सहायता सबसे कमजोर वर्गों यानी वृद्ध, विधवा, विकलांग आदि को पेंशन के रूप में की जाती है। इसके अंतर्गत पांच घटक/योजनाएं हैं -
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना (IGNOAPS): इस योजना के तहत भारत सरकार द्वारा निर्धारित मानदंडों के अनुसार 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के व्यक्ति और गरीबी रेखा से नीचे के परिवार को सहायता प्रदान की जाती है। 60-79 वर्ष आयु के व्यक्ति को 200 रुपये प्रतिमाह एवं 80 और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों को 500 प्रतिमाह प्रदान किया जाता है।
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना (IGNWPS): इस योजना के तहत 40-79 वर्ष की आयु की विधवाओं को 300/ माह प्रदान किया जाता है, जो गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवार से संबंधित है।
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विकलांगता पेंशन योजना (IGNDPS): इस योजना के तहत 18-79 आयु वर्ग के 80% या उससे अधिक के विकलांगता स्तर के श्रेणी के व्यक्तियों को 300 रुपये प्रति माह तथा 80 वर्ष या उससे अधिक के आयु वर्ग के व्यक्तियों को 500 रुपये प्रति माह की सहायता प्रदान की जाती है जो गरीबी रेखा से नीचे के परिवार से संबंधित हैं।
राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजनाः इस योजना के तहत, बीपीएल परिवार के 18-59 वर्ष के बीच की आयु के प्राथमिक ‘ब्रेडविनर’ की मृत्यु होने पर 20,000 रु. की एकमुश्त सहायता राशि प्रदान की जाती है।
अन्नपूर्णाः इस योजना के तहत, उन वरिष्ठ नागरिकों को प्रतिमाह 10 किलो खाद्यान्न मुफ्रत में प्रदान किया जाता है, जो IGNOAPS के तहत पात्र हैं एवं पेंशन प्राप्त नहीं कर रहे हैं। 2019 तक NSAP के तहत 3.9 करोड़ से अधिक लाभार्थी हैं।