9 अगस्त, 2019 को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा घोषणा की गई कि सितंबर 2019 तक देश के सभी राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों में प्रत्येक बच्चे को रोटावायरस टीका दिया जाएगा। रोटावायरस टीके का विस्तार सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम (Universal Immunçation Program - UIP) के तहत किया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार वर्ष 2022 तक डायरिया के कारण बच्चों की रुग्ण्ता और मौत में कमी लाने के लिए दृढ़प्रतिज्ञ है। भारत में प्रत्येक वर्ष 1000 बच्चों में से 37 बच्चे 5 वर्ष तक जीवित नहीं रह पाते; डायरिया से होने वाली मौतें इसका प्रमुख कारण है। डायरिया के सभी कारणों में से रोटावायरस 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में डायरिया का एक प्रमुख कारण है। एक अनुमान के अनुसार, भारत में प्रति वर्ष रोटावायरस के कारण अस्पताल में भर्ती के 8,72,000 मामले, बाह्य रोगियों के 32,70,000 मामले और मौतों के 78,000 मामले होते हैं।