सितंबर, 2019 को राजस्थान के जोधपुर स्थित एम्स में क्रीमियन- कांगो हैमोरेजिक फीवर (CCHF) की वजह से 2 व्यक्तियों की मृत्यु हो गई, अगस्त 2019 में गुजरात राज्य के 78 नमूनों को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी’ (NIV) द्वारा परीक्षण में 9 नमूनों में कांगो फीवर का संक्रमण सकारात्मक पाया गया। क्रीमियन-कांगो हैमोरेजिक फीवर डब्ल्यूएचओ के अनुसार ‘क्रीमियन-कांगो हैमोरेजिक फीवर’ (CCHF), एक गंभीर वायरल रक्तस्रावी बुखार का प्रकोप है।
यह अफ्रीका, बाल्कन तथा पश्चिम एशिया का स्थानिक संक्रमण है। यह जूनोटिक विषाणुजनित रोग (zoonotic viral disease) है, जिसका आशय है कि यह जंतुओं से मनुष्यों में फैलता है। यह संक्रमण टिक-जनित वायरस- नैरोवायरस (Nairovirus) के कारण होता है; यह वायरस ‘बुन्याविरिडी परिवार’ (Bunyaviridaef amily) का है। वर्ष 2011 में गुजरात राज्य में मनुष्यों और घरेलू पशुओं में इस प्रकोप के वायरस और एंटीबॉडी के साक्ष्य पाए गए थे। भारत में इस संक्रमण का यह पहला प्रकोप था। कांगो फीवर में वैश्विक मर्त्यता दर (Fatality rate) 10.40% तक है, यही कारण है कि इस बीमारी की पहचान करना जीवित रहने के लिए आवश्यक है।