इसे 2015 में आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा प्रारंभ किया गया था। इसका उद्देश्य 2022 तक सभी पात्र परिवारों / लाभार्थियों को घर उपलब्ध कराना है। इसके लिए राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों (UTs) के माध्यम से कार्यान्वयन एजेंसियों को केंद्रीय सहायता प्रदान किया जा रहा है। इसके लिएः