इसे 2016 में यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन, कर्मचारी चयन आयोग और राज्य लोक सेवा आयोगों द्वारा आयोजित प्रारंभिक परीक्षा पास करने वाले अल्पसंख्यक उम्मीदवारों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू किया गया था। इससे राज्य सरकार और सिविल सेवा में अल्पसंख्यकों के प्रतिनिधित्व को बढ़ाने में मदद मिलेगी।