यह एक केन्द्रीय योजना है जिसे सितंबर 2013 में शुरू की गई। इसका उद्देश्य, पारसी समुदाय की जनसंख्या में गिरावट की प्रवृत्ति को रोकना है 1991 में पारसी समुदाय की कुल जनसंख्या 1,14,000 थी, जो 2011 में घटकर 57,000 हो गई। योजना में 3 घटक हैं-
1. पक्ष-समर्थनः इसमें बांझपन से ग्रस्त जोड़ों की काउंसलिंग, विवाह, परिवार और बुजुर्गों आदि को सलाह दी जाती है।
2. समुदाय का स्वास्थ्यः इसमें शिशु सदन/शिशु पालन समर्थन, शिशु पालन के लिए वरिष्ठ नागरिकों को मानदेय, बुजुर्गों को सहायता आदि शामिल है।
3. चिकित्सा सहायताः सरोगेसी सहित अन्य तरीकों द्वारा चिकित्सा सहायता प्रदान किया जाता है। इसमें असिस्टेंड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजीज (एआरटी); जिसमें इन-विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) और इंट्रा साइटोप्लास्मिक स्पर्म इंजेक्शन (आईसीएसआई) आदि शामिल हैं।