यह सूचकांक विश्व बैंक द्वारा द्वि-वार्षिक रूप से जारी किया जाता है।
सूचकांक के मापदंडों में शामिल हैं:
व्यापार और परिवहन बुनियादी ढांचे की गुणवत्ता।
रसद सेवाओं की क्षमता और गुणवत्ता।
सीमा शुल्क और सीमा प्रबंधन निकासी की क्षमता।
प्रतिस्पर्द्धी मूल्य वाले शिपमेंट की व्यवस्था में आसानी।
खेपों को ट्रैक और ट्रेस करने की क्षमता।
निर्धारित या अपेक्षित डिलीवरी समय के भीतर गंतव्य तक पहुंचने में शिपमेंट की समय सीमा।
2018 में 160 देशों में से भारत 44वें स्थान पर रहा, जिसने पिछले वर्ष अपनी 35वीं रैंक हासिल की थी। सभी छः पैरामीटर पर रैंकिंग में नुकसान हुआ है।
रैंक में गिरावट विशेष रूप से इस तथ्य पर विचार करते हुए चौंकाने वाली है कि सरकार ने हाल ही में लॉजिस्टिक्स क्षेत्र को ‘बुनियादी ढांचा का दर्जा’ दिया और प्रमुख रसद सुधारों को लागू किया। इस प्रकार सूचकांक जमीनी स्तर पर रसद क्षेत्र की वास्तविकता को दर्शाता है।