रिपोर्ट को सेंटर फॉर सिविल सोसायटी द्वारा प्रकाशित किया गया है। यह सूचकांक देश में आर्थिक स्वतंत्रता स्तर को मापता है।
विश्व आर्थिक स्वतंत्रता सूचकांक को पाँच व्यापक क्षेत्रों का उपयोग करके मापा जाता हैः
सरकार का आकारः व्यय, कर और उद्यम में।
संपत्ति के अधिकारों की कानूनी संरचना और सुरक्षा।
स्थायित्व युक्त पूंजी तक पहुंच।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापार करने की स्वतंत्रता।
ऋण, श्रम और व्यवसाय का विनियमन।
162 देशों की सूची में भारत ने ग्लोबल इकोनॉमिक फ्रीडम इंडेक्स पर पिछले साल के 96वें स्थान से 79वें स्थान की मौजूदा रैंकिंग में 17 स्थान की छलांग लगाई है। भारत ने कानूनी प्रणाली और संपत्ति के अधिकार, स्थायित्व युक्त पूंजी पहुंच, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापार करने की स्वतंत्रता, श्रम, व्यवसाय तथा क्रेडिट के विनियमन जैसे मापदंडों पर अपने स्कोर में सुधार किया।
इस सूचकांक में हांगकांग, सिंगापुर और न्यूजीलैंड क्रमशः पहले, दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं।
इस सूचकांक में चीन को 113वां स्थान मिला है, जबकि भूटान 87वें, श्रीलंका 104वें तथा नेपाल 110वें स्थान पर हैं।