यह सूचकांक विश्व आर्थिक मंच (WEF) द्वारा तैयार किया जाता है। इसे WEF की प्रथम ‘भविष्य की उत्पादकता के लिए तत्परता’ रिपोर्ट के हिस्से के रूप में जारी किया गया था।
रिपोर्ट आधुनिक औद्योगिक रणनीतियों के विकास का विश्लेषण करती है और सतत विकास को प्राप्त करने के लिए सहायक है। यह चौथी-औद्योगिक क्रांति की पृष्ठभूमि क्रियाआें परिवर्तनों संबंधी तीव्रता लाने के लिए सार्वजनिक-निजी सहयोग के लिए नवीन और प्रगतिशील दृष्टिकोणों को प्रोत्साहित करता हैः
यह सूचकांक देशों को चार समूहों में वर्गीकृत करता है।
अग्रणी (मजबूत वर्तमान आधार, भविष्य के लिए तत्परता का उच्च स्तर)।
उच्च क्षमता (सीमित वर्तमान आधार, भविष्य के लिए उच्च क्षमता)।
विरासत (भविष्य के लिए मजबूत वर्तमान आधार)।
विकासशील (सीमित वर्तमान आधार, भविष्य के लिए तत्परता का निम्न स्तर)।
भारत को 100 देशों की तुलना में 30वीं रैंक और ‘विरासत’ समूह के अंतर्गत स्थान दिया गया है।
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत विश्व में 5वां सबसे बड़ा निर्माता है और भारत की जीडीपी में विनिर्माण क्षेत्र का 16-20% का योगदान है। हालाँकि रिपोर्ट यह भी इंगित करता है कि भारत में महिला श्रमबल कर्मचारियों की भागीदारी, व्यापार शुल्क, नियामक क्षमता और स्थायी संसाधनों जैसे कुछ मापदंडों में रैंक अच्छा नहीं है।
भारत को विनिर्माण हब में बदलने और मेक इन इंडिया की सफलता सुनिश्चित करने के सपने को साकार करने के लिए इन मुद्दों को हल करने की आवश्यकता है।