इसे 2015 में आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा स्मार्ट सिटी मिशन के साथ एक केंद्र प्रायोजित योजना के रूप में शुरू किया गया था। यह 500 शहरों में आधारभूत संरचना के उन्नयन एवं नागरिकों के सुविधाओं का विकास करता है। यह सार्वभौमिक जल आपूर्ति, शहरों में सीवरेज और सेप्टे प्रबंधन, वर्षा जल निकासी, ग्रीन स्पेस आदि में सुधार करता है।
मुद्देः भूमि का कमी, प्रशासनिक मंजूरी में देरी, जनशक्ति की कमी और स्थानीय प्रतिरोध आदि शामिल हैं। मिशन की सफलता सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन को सुचारु और शीघ्र भूमि अधिग्रहण, योजना के बारे में संदेह दूर करने के लिए उचित सूचना प्रसार आदि कार्य किये जा सकते हैं।