भारत में न्याय प्रणाली की खामियों की वजह से बेसहारा, विकलांग, वृद्ध, विधवा महिलाओं एवं दलित जैसे ‘वंचित वर्ग' को न्यायिक सुरक्षा पाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
भारत में संघीय और राज्य दोनों के कानूनों को प्रवर्तित करने के लिए एकीकृत एकल न्यायालयों की व्यवस्था की गई है। समस्त न्याय प्रणाली के शीर्ष पर भारत का उच्चतम न्यायालय विद्यमान है, इसके नीचे प्रत्येक राज्य में या राज्यों के समूह में 23 उच्च न्यायालय और 3 बेंच हैं।
छोटे और स्थानीय प्रकृति के दीवानी और फौजदारी प्रकरणों के निपटारे के लिए कुछ राज्यों में पंचायती न्यायालय भी कार्य करती हैं।