भारत की स्वदेशी मिसाइल तकनीक

भारत की मिसाइलें बहु-उद्देश्यों के लिए अनुकूलित विविध वर्गों में आती हैं। इन्हें सतह से हवा, सतह से सतह, हवा से सतह, हवा से हवा एवं उपग्रह रोधी मिसाइलों के रूप में लॉन्च किया गया है।

भारत में मिसाइल प्रौद्योगिकी का इतिहास

  • स्वतंत्रता पूर्वः भारत में कई साम्राज्य अपनी युद्ध प्रौद्योगिकियों के हिस्से के रूप में रॉकेट का उपयोग कर रहे थे।
    • 18वीं शताब्दी के मध्य में मैसूर के शासक हैदर अली ने अपनी सेना में लोहे के आवरण वाले रॉकेटों को शामिल करना शुरू किया था।
  • स्वतंत्रता पश्चात्ः आजादी के समय भारत के पास कोई स्वदेशी मिसाइल क्षमता नहीं थी। सरकार ....
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