अशोक के शिलालेख

भारत में मौर्य साम्राज्य (322-185 ईसा पूर्व) के तीसरे राजा, अशोक महान (268-232 ईसा पूर्व) द्वारा स्तंभों, बड़े पत्थरों और गुफा की दीवारों पर उत्कीर्ण 33 शिलालेख प्राप्त हुए हैं। अशोक के शिलालेखों पर सुसंगत संदेश के रूप में लोगों को धम्म की अवधारणा का पालन करना; जिसमे ‘सही व्यवहार’, ‘अच्छा आचरण’ तथा ‘दूसरों के प्रति शालीनता’ के रूप में परिभाषित किया गया है।

  • शिलालेख अशोक के संपूर्ण साम्राज्य में अंकित थे, जिनमें आधुनिक अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भारत, नेपाल एवं पाकिस्तान के क्षेत्र शामिल थे।
  • अधिकांश शिलालेख प्राकृत भाषा (ब्राह्मी लिपि) में लिखे गए हैं तथापि अफगानिस्तान में आरमाईक एवं ग्रीक तथा उत्तर-पश्चिमी ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |

पूर्व सदस्य? लॉग इन करें


वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |

संबंधित सामग्री

प्रारंभिक विशेष