भारत में वन्यजीव संरक्षण के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग
- भारत की जैव-विविधता उल्लेखनीय है, जो विश्व की लगभग एक-चौथाई मांसाहारी प्रजातियों की मेजबानी करता है और विश्व स्तर पर 17 सबसे अधिक जैव विविधता वाले देशों में से एक है।
- पृथ्वी पर पाई जाने वाली लगभग 13% पक्षी प्रजातियां, 7% स्तनधारी, 5% सरीसृप और 4% उभयचर भारत में पाए जाते हैं। इस प्रकार यहां लगभग 1.4 बिलियन जीव जंतुओं की समृद्ध जैव-विविधता को सफलतापूर्वक संरक्षित है।
- इस समृद्ध वन्यजीव विरासत की सुरक्षा के लिए पारंपरिक संरक्षण विधियों को अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), संवर्द्धित वास्तविकता (AR) और आभासी वास्तविकता (VR) के साथ अपग्रेड किया जा रहा ....
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पत्रिका सार
- 1 डिजिटल युग में पारंपरिक कला के स्वरूप
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- 3 आधुनिक तकनीक और संदर्भों के जरिये लोक कला की पुनर्कल्पना
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- 12 जैविक कृषिः वर्तमान स्थिति और भविष्य की संभावनाएं
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- 14 भविष्य की खाद्य सुरक्षा हेतु हाइड्रोपोनिक्स और वर्टिकल खेती
- 15 वनों के कटाव तथा जलवायु परिवर्तन से पर्वतीय पक्षियों को खतरा
- 16 कीटभक्षी या मांसाहारी पौधो
- 17 भूमध्य सागर में आक्रामक पौधों का उपनिवेशीकरण
- 18 शहरी क्षेत्र विकास और वन्यजीव संरक्षण
- 19 सीमा पार पशु रोगः भारतीय परिप्रेक्ष्य
- 20 इसरो के युवा वैज्ञानिक कार्यक्रम: युविका
- 21 विज्ञान साहित्य महोत्सव: विज्ञानिका