आधुनिक तकनीक और संदर्भों के जरिये लोक कला की पुनर्कल्पना

  • शास्त्रीय कला रूपों के विपरीत लोक कलाओं की गतिशील और अनुकूलनीय प्रवृत्ति होती है, जो अक्सर समकालीन प्रभावों और रुझानों से प्रभावित होती है।
  • कला सिर्फ दर्शकों के मनोरंजन का साधन नहीं है, यह उनमें विस्मय की भावना का संचार करने और उनकी चेतना को नई ऊंचाइयों तक ले जाने का एक शक्तिशाली माध्यम भी है।
  • कला के क्षेत्र में प्रौद्योगिकी के उपयोग के कुछ जोखिम भी हैं। यह कला को केवल कंप्यूटेशनल एल्गोरिथम या गैर-मानवीय इलेक्ट्रॉनिक संगीत क्षेत्र के डिजिटल टैंफलेट्स तक सीमित कर रही ....
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