रिश्वत लेना संसदीय विशेषाधिकारों द्वारा संरक्षित नहीं

सुप्रीम कोर्ट ने 4 मार्च, 2024 को एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए कहा कि रिश्वतखोरी संसदीय विशेषाधिकारों द्वारा संरक्षित नहीं है।

  • रिश्वत लेने पर सांसद या विधायक पर मुकदमा चलाया जा सकता है, भले ही वे सदन में वोट या भाषण दें या नहीं।
  • संसदीय विशेषाधिकारों का उद्देश्य सांसदों और विधायकों को अपने कर्तव्यों का निर्वहन स्वतंत्र रूप से करने में सक्षम बनाना है, न कि उन्हें भ्रष्टाचार से बचाना।
  • यह फैसला 1998 के पी-वी- नरसिम्हा राव मामले में दिए गए फैसले को पलटते हुए सुनाया गया।
  • इसमें कहा गया था कि कोई सांसद या विधायक रिश्वत लेने के बाद भी सदन में वोट ....
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