घरेलू व्यवस्थित रूप से महत्वपूर्ण बैंक
घरेलू व्यवस्थित रूप से महत्वपूर्ण बैंक (Domestic Systemically Important Banks) ऐसे बैंक होते हैं ‘टू बिग टू फेल’ की अवधारणा पर आधारित हैं।
- भारतीय रिजर्व बैंक ‘घरेलू व्यवस्थित रूप से महत्वपूर्ण बैंकों’ (DSIB) को आकार, जटिलता, प्रतिस्थापन की कमी और बैंकों की परस्पर संबद्धता, राज्य की रिपोर्ट जैसे कारकों पर विचार करने के बाद अंतिम रूप देता है।
प्रमुख पहलें
- फ्रेमवर्कः भारतीय रिजर्व बैंक ने 22 जुलाई, 2014 को प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण घरेलू बैंकों (डी-एसआईबी) से निपटने के लिए फ्रेमवर्क जारी किया था।
- सूचीः वर्ष 2015 से भारतीय रिजर्व बैंक सभी घरेलू व्यवस्थित रूप से महत्वपूर्ण बैंक की सूची जारी कर ....
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- 1 जीएम फ़सलें
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- 24 वित्तीय समावेशन
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- 28 मुद्रास्फ़ीति
- 29 माइक्राफ़ेाइनेंस
- 30 ई-रूपी
- 31 ब्लू बॉन्ड
- 32 ग्रीन बॉन्ड
- 33 सोशल स्टॉक एक्सचेंज
- 34 तरलता समायोजन सुविधाखा
- 35 सीमांत स्थायी सुविधा
- 36 इनसाइडर ट्रेडिंग
- 37 सरकारी प्रतिभूतियां
- 38 रेलवे अवसंरचना
- 39 लॉजिस्टिक्स
- 40 धार्मिक सर्किट
- 41 अंतर्देशीय जलमार्ग
- 42 एयरपोर्ट अवसंरचना
- 43 बंदरगाह विकास
- 44 बहुआयामी गरीबी
- 45 लैंगिक असमानता
- 46 आंतरिक प्रवासन
- 47 बाल विवाह
- 48 बाल श्रम
- 49 घरेलू हिंसा
- 50 दत्तक ग्रहण
- 51 दिव्यांगजन
- 52 वृद्ध व्यक्ति
- 53 ट्रांसजेंडर
- 54 मानव तस्करी
- 55 ड्रग अब्युसिंग और ट्रैफि़किंग
- 56 बेघर आबादी
- 57 मैनुअल स्कैवेंजिंग
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- 59 मानव संसाधान प्रबंधान
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- 61 आत्महत्या से होने वाली मृत्यु
- 62 न्यूमोकोकल कॉन्जुगेट वैक्सीन
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- 64 सार्वभौमिक टीकाकरण
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- 71 सेरोगेसी
- 72 शिशु मृत्यु दर
- 73 भारत में मातृ मृत्यु दर
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- 91 नगरीय ऊष्मा द्वीप
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- 100 बायो-एनर्जी
- 101 बायोमास ऊर्जा
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- 109 इन्फ्लेटेबल एरोडायनामिक डिसेलेरेटर
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- 114 5जी प्रौद्योगिकी
- 115 लाइट फि़डेलिटी (Lifi) तकनीक
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