मरुस्थलीकरण
मरुस्थलीकरण एक प्रक्रिया है, जिसमें प्राकृतिक अथवा मानव निर्मित कारकों के कारण भूमि की शुष्कता में वृद्धि होती है, शुष्क एवं अर्द्ध-शुष्क भूमि का विस्तार होता है तथा मृदा जैविक उत्पादकता में कमी आती है।
- मरुस्थलीकरण की अधिक व्यापकता के कारण अंततः रेगिस्तान का निर्माण होता है।
- संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन टू कॉम्बैट डेजर्टिफिकेशन (UNCCD) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार पिछले एक दशक में भारत के घास वाले क्षेत्र में 31% (लगभग 5.65 मिलियन हेक्टेयर भूमि) की कमी आई है।
- मरुस्थलीकरण और भूमि क्षरण एटलस 2021 (Desertification and Land Degradation Atlas 2021) के अनुसार, भारत के कुल भौगोलिक क्षेत्र का कम से ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 भारतीय इतिहास एवं संस्कृति : 200 मॉडल वस्तुनिष्ठ प्रश्न 2025
- 2 भारतीय राजव्यवस्था : 200 मॉडल वस्तुनिष्ठ प्रश्न 2025
- 3 अन्य विविध घटनाक्रम
- 4 पुरुस्कार एवं सम्मान
- 5 पर्यावरण संरक्षण
- 6 महत्वपूर्ण योजनाएं एवं पहलें
- 7 सांस्कृतिक घटनाक्रम
- 8 आर्थिक घटनाक्रम
- 9 राजनीति एवं प्रशासनिक प्रणाली
- 10 भूगोल : 200 मॉडल वस्तुनिष्ठ प्रश्न 2025

- 1 जीएम फ़सलें
- 2 ड्रिप सिंचाई
- 3 लिक्विड नैनो यूरिया
- 4 मत्स्यन
- 5 प्राकृतिक कृषि
- 6 उर्वरक
- 7 खाद्य सुरक्षा
- 8 जैव-अर्थव्यवस्था
- 9 सामाजिक वानिकी
- 10 गिग इकॉनमी
- 11 स्टार्ट-अप
- 12 फि़नटेक
- 13 सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम
- 14 ई-कॉमर्स
- 15 इलेक्ट्रॉनिक्स
- 16 टेक्सटाइल
- 17 खनन क्षेत्र
- 18 महिला श्रम बल
- 19 चिकित्सा पर्यटन
- 20 विनिर्माण
- 21 कौशल विकास
- 22 बेरोजगारी
- 23 राजकोषीय घाटा
- 24 वित्तीय समावेशन
- 25 ऋण-जीडीपी अनुपात
- 26 गैर-निष्पादित परिसंपत्ति
- 27 विदेशी मुद्रा भंडार
- 28 मुद्रास्फ़ीति
- 29 माइक्राफ़ेाइनेंस
- 30 ई-रूपी
- 31 ब्लू बॉन्ड
- 32 ग्रीन बॉन्ड
- 33 सोशल स्टॉक एक्सचेंज
- 34 तरलता समायोजन सुविधाखा
- 35 सीमांत स्थायी सुविधा
- 36 इनसाइडर ट्रेडिंग
- 37 सरकारी प्रतिभूतियां
- 38 घरेलू व्यवस्थित रूप से महत्वपूर्ण बैंक
- 39 रेलवे अवसंरचना
- 40 लॉजिस्टिक्स
- 41 धार्मिक सर्किट
- 42 अंतर्देशीय जलमार्ग
- 43 एयरपोर्ट अवसंरचना
- 44 बंदरगाह विकास
- 45 बहुआयामी गरीबी
- 46 लैंगिक असमानता
- 47 आंतरिक प्रवासन
- 48 बाल विवाह
- 49 बाल श्रम
- 50 घरेलू हिंसा
- 51 दत्तक ग्रहण
- 52 दिव्यांगजन
- 53 वृद्ध व्यक्ति
- 54 ट्रांसजेंडर
- 55 मानव तस्करी
- 56 ड्रग अब्युसिंग और ट्रैफि़किंग
- 57 बेघर आबादी
- 58 मैनुअल स्कैवेंजिंग
- 59 शहरी गरीबी
- 60 मानव संसाधान प्रबंधान
- 61 आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग हेतु आरक्षण
- 62 आत्महत्या से होने वाली मृत्यु
- 63 न्यूमोकोकल कॉन्जुगेट वैक्सीन
- 64 बीसीजी (बैसिलस चाल्मेट-गुएरिन) टीका
- 65 सार्वभौमिक टीकाकरण
- 66 उपेक्षित उष्णकटिबंधाीय रोग
- 67 गेमिंग डिसऑर्डर
- 68 रोगाणुरोधी प्रतिरोधा
- 69 कुपोषण
- 70 भुखमरी
- 71 स्वच्छता
- 72 सेरोगेसी
- 73 शिशु मृत्यु दर
- 74 भारत में मातृ मृत्यु दर
- 75 कुल प्रजनन दर
- 76 हाइपरसोनिक मिसाइल
- 77 स्मार्ट एंटी एयरफ़ील्ड वेपन
- 78 आयरन डोम एयर डिफ़ेंस सिस्टम (ADS)
- 79 रक्षा स्वदेशीकरण
- 80 क्रिप्टोकरेंसी
- 81 साइबर सुरक्षा
- 82 भूमिगत जल
- 83 महत्वपूर्ण खनिज
- 84 बाढ़ आपदा
- 85 चक्रवात
- 86 मेघ प्रस्फ़ुटन
- 87 समुद्री जल स्तर में वृद्धि
- 88 भूस्खलन
- 89 वनाग्नि
- 90 हिन्द महासागर द्विध्रुव
- 91 नगरीय ऊष्मा द्वीप
- 92 मौसम पूर्वानुमान
- 93 जलवायु वित्त (Climate Finance)
- 94 आर्द्रभूमि
- 95 नदी प्रदूषण
- 96 प्लास्टिक प्रदूषण
- 97 ई-वेस्ट
- 98 ठोस अपशिष्ट
- 99 भूमि क्षरण
- 100 बायो-एनर्जी
- 101 बायोमास ऊर्जा
- 102 वन्यजीव तस्करी
- 103 ग्रीन हाइड्रोजन
- 104 हिंद महासागर के जलस्तर में वृद्धि
- 105 मैंग्रोव प्रबंधन
- 106 पर्यावरण अनुकूल जीवन-शैली
- 107 वायु प्रदूषण
- 108 जीन एडिटिंग
- 109 इन्फ्लेटेबल एरोडायनामिक डिसेलेरेटर
- 110 ट्राइबोइलेक्ट्रिक नैनोजेनरेटर
- 111 क्वांटम की डिस्ट्रीब्यूशन प्रौद्योगिकी
- 112 क्वांटम कंप्यूटिंग
- 113 जैव प्रौद्योगिकी
- 114 5जी प्रौद्योगिकी
- 115 लाइट फि़डेलिटी (Lifi) तकनीक
- 116 इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स
- 117 50 मॉडल वस्तुनिष्ठ प्रश्न