बाल श्रम

अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) के अनुसार ऐसी स्थिति जिसमें बच्चों को उनके बचपन तथा गरिमा से वंचित करते हुए विभिन्न कार्यों में नियोजित किया जाता है, बाल श्रम कहलाता है। बाल श्रम के कारण बच्चों का शारीरिक एवं मानसिक विकास बाधित होता है।

  • 2011 की जनगणना के अनुसार, 5-14 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों की कुल संख्या 259.6 मिलियन थी, जिनमें से 10.1 मिलियन बच्चे विभिन्न क्रियाओं में संलग्न थे।

प्रमुख पहलें

  • अनुच्छेद 23, मानव के दुर्व्यापार और बलात् श्रम का प्रतिषेध करता है।
  • अनुच्छेद 24, 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों को कारखाने अथवा खान में काम ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |

पूर्व सदस्य? लॉग इन करें


वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |

संबंधित सामग्री

प्रारंभिक विशेष