ऋण-जीडीपी अनुपात

वृद्धिः कोविड-19 महामारी के दौरान भारत का ऋण-जीडीपी अनुपात 74% से बढ़कर 90% हो गया।

  • कर्ज और जीडीपी का अनुपातः एन.के. सिंह समिति के अनुसार वित्त वर्ष 2022-23 तक केंद्र सरकार के लिए कर्ज और जीडीपी का अनुपात 38.7% और राज्य सरकारों के लिए 20% होना चाहिए।
  • राजकोषीय घाटाः सितम्बर 2022 को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा चालू अगस्त 2022तक वार्षिक लक्ष्य का 32-6% तक पहुंच गया है।

प्रमुख पहलें

  • एफआरबीएम अधिनियम 2003: इसके अनुसार, 2024-25 तक भारत का ऋण से जीडीपी अनुपात लगभग 60% होना चाहिए, जो केंद्र सरकार के लिए 40% और राज्य सरकार के ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |

पूर्व सदस्य? लॉग इन करें


वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |

संबंधित सामग्री

प्रारंभिक विशेष