न्यायिक प्रणाली से संबंधित मुद्दे व चुनौतियां
न्यायपालिका की स्थापना के समय न्यायिक प्रक्रिया को पारदर्शी, कुशल और स्वतंत्र होने की परिकल्पना की गई थी किंतु अनेक घटनाएं निराशाजनक तस्वीर पेश करती हैं तथा न्यायपालिका की कार्यप्रणाली अनेक सवाल उठाती हैं। ऐसी घटनाओं के उदाहरण हैं-
- ओडिशा उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश के िखलाफ भ्रष्टाचार के आरोप।
- न्यायाधीशों की नियुक्ति से संबंधित प्रक्रिया को अंतिम रूप देने को लेकर सरकार और न्यायपालिका के मध्य गतिरोध।
- प्रशासनिक मामलों के संदर्भ में भी न्यायपालिका द्वारा स्वयं के िखलाफ आरटीआई के आवेदन की अनुमति देने से इनकार करना।
- उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीशों और मद्रास उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सीएस कर्णन के मध्य संघर्ष ....
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संबंधित सामग्री
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- 2 स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली की चुनौतियां एवं नीति
- 3 बहुआयामी गरीबी
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- 5 भारत का जनसांख्यिकीय लाभांश तथा इसका दोहन
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- 9 कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व का सामाजिक-आर्थिक प्रभाव
- 10 सहकारिता के माध्यम से सामाजिक-आर्थिक समृद्धि
मुख्य विशेष
- 1 भारतीय न्यायिक प्रणाली मुद्दे एवं चुनौतियां
- 2 न्यायिक खामियों को दूर करने के उपाय
- 3 सामाजिक न्याय तथा विकास के लिए अधिकार आधारित दृष्टिकोण
- 4 अधिकार आधारित दृष्टिकोण के महत्वपूर्ण सिद्धांत
- 5 अधिकार आधारित दृष्टिकोण के कार्यान्वयन की रूपरेखा
- 6 विकास, सामाजिक न्याय तथा अधिकारों के एकीकरण में एनजीओ की भूमिका
- 7 सामाजिक न्याय व विकास संबंधी अधिकार आधारित पहलें
- 8 अधिकार आधारित विकास तथा सामाजिक न्याय: मूल्यांकन