अधिकार आधारित विकास तथा सामाजिक न्याय: मूल्यांकन
पिछले दशकों में भारत ने अपने नागरिकों की मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए कई अधिकारों को संवैधानिक तथा कानूनी तौर पर लागू किया है।
- हालांकि सामाजिक न्याय तथा विकास से संबंधित कई महत्वपूर्ण पहलुओं के कार्यान्वयन की दिशा में अपेक्षित प्रगति नहीं हो पाई है। इसके लिए विभिन्न राजनीतिक, प्रशासनिक तथा आर्थिक कारण उत्तरदायी हैं।
- पिछले 3 दशकों में भारत ने तीव्र आर्थिक प्रगति की है, हालांकि अभी भी भारत आर्थिक रूप से इतना सक्षम नहीं हो पाया है कि अपनी विशाल आबादी को व्यापक सामाजिक-आर्थिक न्याय व अधिकार प्रदान कर सके।
- नागरिकों को अधिकार प्रदान करने के संबंध में अपेक्षित सफलता ....
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