अधीनस्थ न्यायालय

अधीनस्थ न्यायालय में जजों की कमी

  • वर्तमान में भारत की निचली अदालतों में लगभग 2,91,63,220 मामले लंबित हैं। इनमें सिविल मामलों की संख्या 84,57,325 तथा क्रिमिनल मामलों की संख्या 2,07,05,895 है।
  • न्यायाधीशों की उच्च रिक्तियों तथा देश भर की जनसंख्या की तुलना में न्यायाधीशों की कम संख्या वाले राज्यों जैसे- उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और बिहार में लंबित मामलों की संख्या सबसे अधिक है।
  • उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, ओडिशा, तमिलनाडु, राजस्थान और केरल ऐसे राज्य हैं; जहां लंबित मामलों की संख्या अधिक होने का मुख्य कारण न्यायाधीशों की संख्या कम होना माना जा सकता है। उत्तर प्रदेश ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |

पूर्व सदस्य? लॉग इन करें


वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |

संबंधित सामग्री

विशेष